एन ए वी (NAV) क्या है?

15 April 2022
4 min read
एन ए वी (NAV) क्या है?
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यदि आप एक नए म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर हैं तो आप जानना चाहेंगे कि म्यूचुअल फंड में एन ए वी क्या है। 

  • एन ए वी, या नेट एसेट वैल्यू (Net Asset Value), म्यूचुअल फंड स्कीम की यूनिट की कीमत है। 
  • म्यूचुअल फंड एन ए वी के आधार पर खरीदे या बेचे जाते हैं। 
  • शेयर की कीमतों का ठीक उल्टा, जो ट्रेडिंग आउर्ज़ के दौरान लगातार बदलती रहती हैं, एन ए वी डेली बेसिस पर कैलकुलेट किया जाता ह । 
  • इसका कैलकुलेशन दिन के अंत में, वे सभी सिक्योरिटीज जो उस म्यूचुअल फंड योजनाओं से संबंधित होते हैं, के क्लोजिंग प्राइस के आधार पर, टोटल एक्सपेंसेस का उचित अड़जस्टमेंट्स (adjustment) करने के बाद किया जाता है।

ये खर्चे टी ई आर – टोटल एक्सपेंस रेश्यो (TER – Total Expense Ratio) के रूप में जाने जाते हैं। म्यूचुअल फंड स्कीम के खर्चें, जिनमे फंडस मैनेजमेंट; प्रशासन (एडमिनिस्ट्रेशन), वितरण (डिस्ट्रीब्यूशन) खर्चें आदि शामिल हैं, को स्कीम की असेस्ट्स के प्रोपोरशन में चार्ज किया जाता है और स्कीम एन ए वी (NAV) में एडजस्ट किया जाता है।

एन ए वी कैसे कैलकुलेट की जाती है?

अब तक आपने समझा NAV क्या होता है। आगे उदाहरण के तौर पर इसके कैलकुलेशन के बारे में बताये जाने पर और भी स्पष्ट हो जायेगा की NAV कैसे कैलकुलेट होता है।    

एक म्यूचुअल फंड कंपनी (एएमसी, AMC), एक न्यू फण्ड ऑफरिंग; एन एफ ओ (NFO) के माध्यम से सदस्यता के सब्सक्रिप्शन के लिए, एक नई स्कीम पेश करती है। एन एफ ओ में, एक स्कीम की इकाइयों (यूनिट्स) की कीमत 10 रुपये होती है। मान लीजिए, एएमसी विभिन्न इन्वेस्टरों से एन एफ ओ के दौरान 1,000 करोड़ रुपये जुटाती है ।

चूंकि एन एफ ओ ग्राहकों के लिए इश्यू मूल्य 10 रुपये तय किया गया है, ए एम सी इन्वेस्टर्स को जुटाए गए टोटल अमाउंट के आधार पर यूनिट अलॉट करता है। इस उदाहरण में, एन एफ ओ में 1,000 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं और एन ए वी 10 रुपये है। इसलिए, ए एम सी 100 करोड़ यूनिटस (मतलब 1,000 करोड़ रुपये / 10 एन ए वी) जारी करती है और इन्वेस्टर्स को उनकी संबंधित इन्वेस्टमेंट अमाउंटस के आधार पर प्रोपोरशनली अलॉट करती है । इसलिए, उदाहरण के तौर पर अगर आपने एन एफ ओ में 1 लाख रुपये का इन्वेस्टमेंट किया है, तो आपको 10,000 यूनिटस अलॉट की जाएंगी। तो, अब आप जान गए होंगे  कि एन ए वी की कैलकुलेशन कैसे की जाती है।

आइए इसे आगे समझते हैं – 

  • एनएफओ में जुटाई गई 1,000 करोड़ रुपये की राशि को योजना के आदेश के अनुसार विभिन्न सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट किया जाता है। 
  • इन सिक्योरिटीज  के बाज़ार मूल्य में डेली बेसिस पर परिवर्तन (चेंज) होता है। 
  • अगले दिन स्कीम का पोर्टफोलियो एसेट वैल्यू 1000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1030 करोड़ रुपये हो जाता है । सरलता के लिए, आइए इस समय योजना के खर्चों को नज़रअंदाज़ करतें हैं । स्कीम एन ए वी 1,030 करोड़ रुपये बकाया (आउटस्टैंडिंग), 100 करोड़ यूनिट्स से डिवाइड करने के बाद 10.3 रुपये होगी ।

ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड स्कीम में इन्वेस्टर दिन के लिए घोषित एन ए वी पर किसी भी समय यूनिट खरीद या बेच सकते हैं। एक्सिस्टिंग इन्वेस्टर, बिना एक्जिट लोड मानकर, उस दिन के NAV  पर यूनिट्स बेच सकते हैं (एग्जिट लोड एक निश्चित पीरियड के भीतर रिडेम्पशन के लिए स्कीम द्वारा लगाया जाने वाला चार्ज है)। इसलिए, बहुत ही सरल शब्दों में NAV का क्या अर्थ है? वह मूल्य, जिस पर इन्वेस्टर किसी म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम की यूनिट्स को खरीद या बेच सकते हैं ।

इसके अलावा:

  • म्यूचुअल फंड यूनिट का एन ए वी अंडरलाइंग सिक्योरिटीज के मूल्य और स्कीम लॉन्च के बाद से जमा प्रॉफ़िट्स से प्राप्त होता है। 
  • दो अलग-अलग म्यूचुअल फंड स्कीम्स में सिक्योरिटीज का एक ही पोर्टफोलियो हो सकता है और फिर भी एक को एट पार वैल्यू (10 रुपये का एन ए वी) पर पेश किया जा सकता है जबकि दूसरी स्कीम का एन ए वी 100 रुपये से अधिक हो सकता है।

किसी एसेट का NAV इन्वेस्टर्स के लिए क्या मायने रखता है?

एन ए वी केवल यह निर्धारित करता है कि इनवेस्टेड अमाउंट के लिए कितनी यूनिट्स अलॉट की जाएगी। एक इन्वेस्टर के रूप में आपको इस बात की परवाह नहीं करनी चाहिए कि आपके पास कितनी इकाइयां हैं, इसके बजाय आपको यह देखना चाहिए कि आपके इन्वेस्टमेंट की वैल्यू कितनी बढ़ी है। संक्षेप में कहा जाये तो, फोकस रिटर्न पर होना चाहिए न कि एन ए वी पर।

इसलिए, म्यूचुअल फंड स्कीम की एन ए वी उसके परफॉरमेंस का सटीक इंडिक्टर नहीं है। इन्वेस्टमेंट का डिसिशन लेने से पहले इन्वेस्टर को हमेशा स्कीम्स के ऐतिहासिक प्रदर्शन (हिस्टोरिकल परफॉरमेंस) और टोटल एक्सपेंस रेश्यो को अन्य पैरामीटर्स के साथ देखना चाहिए।

निष्कर्ष (Conclusion)

हमने चर्चा की है कि एन ए वी का मतलब क्या है और एन ए वी की कैलकुलेशन कैसे की जाती है। एन ए वी केवल यह निर्धारित करता है कि आपको अपने इन्वेस्टमेंट के लिए कितनी यूनिट्स अलॉट की गई हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण नहीं है कि किस एन ए वी पर आपने यूनिट्स लिया है, लेकिन आपके इंवेस्टंट्स की वैल्यू कितनी बढ़ी है? एन ए वी में अप्प्रेसिएशन, एनएवी से कहीं अधिक इम्पोर्टेन्ट है। एन ए वी के बारे में इस ज्ञान के साथ; उम्मीद है, आप स्मार्टर इन्वेस्टमेंट डिसिशन लेने में काबिल होंगे।

म्यूचुअल फंड इंवेस्टमेंट्स बाज़ार के रिस्क्स से प्रभावित हैं, स्कीम्स से संबंधित सभी डाक्यूमेंट्स को ध्यान से पढ़ें । 

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